बेहतर भविष्य के लिए फिल्म निर्माण के लोकतंत्रीकरण की आवश्यकता है: भूमि पेडनेकर

पेडनेकर ने कहा कि एआई में फिल्म निर्माण का लोकतंत्रीकरण करने, शिक्षा पर आधारित फिल्मों को बढ़ावा देने और कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए फिल्म उद्योग में सुधार करने की क्षमता है.

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अभिनेत्री और पर्यावरण कार्यकर्ता भूमि पेडनेकर ने यहां कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जरिये फिल्म निर्माण का लोकतंत्रीकरण करके हर किसी के लिए बेहतर भविष्य बनाने में मदद मिल सकती है.

पेडनेकर ने कहा कि एआई में फिल्म निर्माण का लोकतंत्रीकरण करने, शिक्षा पर आधारित फिल्मों को बढ़ावा देने और कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए फिल्म उद्योग में सुधार करने की क्षमता है.

दुनिया की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए विश्व आर्थिक मंच द्वारा ‘यंग ग्लोबल लीडर्स’ के रूप में नामित कई अन्य लोगों के साथ, पेडनेकर यहां डब्ल्यूईएफ के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने आई हैं। डब्ल्यूईएफ सम्मेलन 24 जनवरी तक जारी रहेगा.

वर्ष 2017 में आई फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म में विभिन्न विषयों को एक हास्य और रोमांटिक अंदाज में पेश किया गया था.

खुले में शौच के मुद्दे पर आधारित इस फिल्म में दिखाया गया था कि स्वच्छता के मामले में भी लैंगिक असमानता पैदा होती है और शौचालयों की कमी के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है.

उन्होंने डब्ल्यूईएफ ब्लॉग पर लिखा, “यह फिल्म भारत में बदलाव के लिए प्रेरणास्रोत बनी खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) के लिए सरकार के अभियान के हिस्से के रूप में इसका इस्तेमाल किया गया.”

उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयासों और फिल्म की रिलीज के बाद 2016 से 2022 तक खुले में शौच करने वाली आबादी के अनुपात में काफी गिरावट आई.

उन्होंने ऐसी कहानियों को और अधिक प्रभावशाली बनाने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी में प्रगति पर जोर दिया.

(इस खबर को सलाम हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)