Anubhav Singh Bassi Show Cancel: हाल ही में विवादों में घिरे समय रैना और रणवीर इलाहाबादिया के बाद अब प्रसिद्ध स्टैंडअप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी को भी एक झटका लगा है. शनिवार को लखनऊ में होने वाले उनके शो को रद्द कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अर्पणा यादव के विरोध के बाद यह निर्णय लिया गया. अर्पणा यादव ने शो के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी, जिसे बाद में स्वीकार कर लिया गया.
क्यों हुआ शो का विरोध?
अर्पणा यादव ने शो के खिलाफ एक पत्र में उल्लेख किया कि अनुभव सिंह बस्सी के पुराने वीडियो में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया है. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसे शो में महिलाओं के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल न हो. उनका कहना था कि ऐसे शो को आगे अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
शो रद्द होने का कारण
अर्पणा यादव के पत्र के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने शो को रद्द कर दिया. अर्पणा ने पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि अनुभव सिंह बस्सी के पुराने वीडियो में महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल हुआ है, जो समाज में गलत संदेश देता है. इसके बाद इस शो को लेकर विवाद बढ़ गया, और महिला आयोग ने इसे तुरंत रोकने की कार्रवाई की.
इंडियाज गॉट टैलेंट विवाद का असर
समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी पर 'इंडियाज गॉट टैलेंट' के एक एपिसोड में किए गए आपत्तिजनक कमेंट्स को लेकर मामला दर्ज हुआ है. महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट और असम पुलिस ने इन सभी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. इस विवाद के बाद, समय रैना ने शो के सारे एपिसोड यूट्यूब से हटा दिए थे. अब 18 फरवरी को इन सभी को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
क्या कहता है कानून?
महिला आयोग के विरोध और सोशल मीडिया पर बढ़ते दबाव के कारण अनुभव सिंह बस्सी का शो रद्द कर दिया गया. इसके साथ ही यह भी सवाल उठता है कि क्या किसी कॉमेडी शो में महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाना उचित है? यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है.
यह घटना यह साबित करती है कि कॉमेडी और हास्य के नाम पर किसी भी प्रकार की संवेदनशीलता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता. शो और वीडियो का प्रभाव समाज पर होता है, और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी भी समुदाय या वर्ग के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग न हो.