आज से पहले कब आई थी भारतीय शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट? देखें डिटेल्स

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा की गई टैरिफ घोषणा का असर वैश्विक बाजार पर पड़ा है. वैश्विक बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पहले बाजार का ऐसा हाल कोविड महामारी के दौरान आया था. आइए जानतें है कि इससे पहले देश का ऐसा हाल कब-कब हुआ था.

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Courtesy: Social Media

Indian Stock Market: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणा का असर पूरे वैश्विक बाजार पर पड़ा है. भारतीय बाजारों के शेयर सूचकांकों में भी भारी गिरावट देखी गई. बाजार खुलते के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई.

वहीं एनएसई निफ्टी 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत गिरकर 21,743.65 पर आ गया. इसी तरह 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत गिरकर 71,425.01 पर आ गया.

सेंसेक्स फर्मों में भारी गिरावट

इंडिया VIX 56.50 प्रतिशत बढ़कर 21.53 पर पहुंच गया, जो दर्शाता है कि निवेशक उच्च अस्थिरता के लिए तैयार हैं. सभी सेंसेक्स फर्मों में भारी गिरावट देखी  गई, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. इसके अलावा लार्सन एंड टुब्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, अदानी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत अन्य कई शेयर पिछड़े रहे.

कब-कब गिरा बाजार?

वैश्विक बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पहले बाजार का ऐसा हाल कोविड महामारी के दौरान आया था. जब पूरा विश्व कुछ समय के लिए अपने-अपने कमरों में कैद था. हालांकि उसके बाद शेयर बाजार में काफी ग्रोथ हुआ, लेकिन कोविड से पहले भी ऐसा कई समय था जब पूरे विश्व के कारोबार का झटका लगा था. 

  • भारतीय बाजार में सबसे पहला झटका 1992 में लगा था.  28 अप्रैल, 1992 को बाजार ने अपनी सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावट दर्ज की, हर्षद मेहता घोटाला क्रैश के दौरान सेंसेक्स 570 अंक या 12.7 प्रतिशत गिर गया था. 
  • इसके बाद एक बार फिर 2001 में भारतीय बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी. इस दौरान  ब्रोकर केतन पारेख से जुड़े एक और हेरफेर घोटाले की वजह से सेंसेक्स 176 अंक या 4.13 प्रतिशत गिर गया था. 
  •  संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अप्रत्याशित जीत के बाद सेंसेक्स 2004 में सेंसेक्स को सबसे बड़ा झटका लगा था, इस दौरान 11.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी.
  • वैश्विक मंदी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा बिकवाली की आशंकाओं के बीच 21 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स में 1,408 अंक या 7.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी. 
  • कोविड-19 प्रकोप के बीच 23 मार्च, 2020 को सेंसेक्स में 3,935 अंक या 13.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इस दिन देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा ने निवेशकों और आम आदमी में डर पैदा कर दिया था.