जानिए कब है पार्श्व एकादशी और क्या है इसका महत्व? 

Parsva Ekadashi 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. परिवर्तिनी एकादशी को पार्श्व एकादशी कहते हैं. इस एकादशी व्रत को  करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. आइए जानते हैं कि सितंबर माह में पार्श्व एकादशी कब है. 

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Courtesy: social media

Parsva Ekadashi 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी या पार्श्व और जलझूलनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में करवट लेते हैं. पंचांग के अनुसार साल 2024 में पार्श्व एकादशी के दिन सर्वाथ सिद्धि और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है.

हिंदू पंचांग के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग रात 14 सितंबर की रात 8 बजकर 32 मिनट से 15 सितंबर की सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही रवि योग सुबह 6 बजकर 5 मिनट से रात्रि 8 बजकर 32 मिनट तक रहने वाला है. 

कब है पार्श्व एकादशी? 

पार्श्व एकादशी तिथि 13 सितंबर 2024 को रात 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और यह 14 सितंबर 2024 की रात 8 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 32 मिनट से सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 से दोपहर 12 बजकर 40 तक रहेगा. इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 19 मिनट से दोपहर 3 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त की बात करें तो यह शाम 6 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 49 मिनट शाम तक रहेगा. अमृत काल भी दोपहर 2 बजकर 25 से दोपहर 3 बजकर 57 तक रहने वाला है. 

मनोकामना होती है पूरी

मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसके साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो जाती है. व्यक्ति के धन-धान्य में वृद्धि होती है. जीवन में भी खुशहाली आती है. 

डिस्क्लेमर: यह सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. सलाम हिंदुस्तान इनकी पुष्टि नहीं करता है.